"रूह के सागर से छलकी अमृत की बूँद है प्रेम" "रूह के सागर से छलकी अमृत की बूँद है प्रेम"
अब किनारा पाना ही है। अब किनारा पाना ही है।
हर दफ़ा डूबे हैं भँवर में ऐतबार के साथ ही..!! हर दफ़ा डूबे हैं भँवर में ऐतबार के साथ ही..!!
फिर कभी नहीं जगमगायी... तेरे जाने बाद... फिर कभी नहीं जगमगायी... तेरे जाने बाद...
क्या रूह अलग कर पाओगे क्या रूह अलग कर पाओगे
दुनिया ने तो फैसले भी सुना दिए। दुनिया ने तो फैसले भी सुना दिए।